Wednesday 6 January 2016

पठानकोट गुस्सा, दर्द और शहादत!!

भले ही केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसिया कह रही हो कि पठानकोट हमला विफल हो गया लेकिन इस बात को कौन नकार सकता है कि छह आतंकियों के हमले द्वारा सात जवान शहीद हो चुके है और बीस जवान घायल है क्या इसे हम विफल साजिश कह सकते है? जहाँ ग्रहमंत्री राजनाथ सिंह ने इसे पाकिस्तान की साजिश कहने में देर नहीं लगाई खुफियां विभाग ने अपनी प्रथम जाँच में साबित कर दिया कि हमला पाक प्रायोजित था वहां ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतनी सहजता से यह कहकर किस प्रकार पल्ला झाड़ सकते हैं कि “यह मानवता के दुश्मनों का हमला है! कुछ समय पहले तक इस प्रकार के हमले पाकिस्तान प्रायोजित हमले होते थे और अब यह मानवता के दुश्मनों के हमले हो गए?  आखिर, शब्दों में यह हेर-फेर किसलिए माननीय प्रधानमंत्री जी! और इससे क्या हासिल हो जायेगा? अब इन हमलों की निंदा नहीं, स्वाभिमान की रक्षा करो राजन!! देश के जवानों के इस बहे लहू में आत्मसम्मान की कलम डुबोकर दुश्मन के माथे पर हत्यारा लिख दुनिया को उसका चेहरा दिखा दो अब शांति के पथ पर कर्तव्य बोध मत भूलो राजन! आपने जापान के प्रधानमंत्री को गीता भेट की थी उसमे एक पंक्ति यह भी थी कि युद्ध भूमि में खड़ा अर्जुन कह रहा था, माधव मेरा गांडीव कांप रहा है, मेरे हाथों की त्वचा जल रही है, मुझसे खड़ा नही हुआ जा रहा है, मै युद्ध नहीं लडूंगा तब योगिराज कृष्ण ने कहा था हे अर्जुन! नपुंशक मत बनो युद्ध करो|
अभी पंजाब के गुरदासपुर जिले के दीनानगर थाने पर हुए आतंकी हमले के घाव नहीं सूखे थे कि पांच महीने बाद शनिवार तडके पठानकोट में एअरफ़ोर्स बेस पर आतंकियों ने हमला बोल दिया पाकिस्तान सीमा से महज 20 किलोमीटर दुरी पर स्थित एअरफोर्स बेस में घुसे आतंकी भी पाकिस्तान की ही देन थे| हालाँकि पाक सरकार भले ही समूचे विश्व के सामने इस घटना की निंदा कर रही हो लेकिन सब जानते है आज पाकिस्तान की हालत सोमालिया जैसी होती जा रही है| आज पाकिस्तान में कट्टरपंथी मौलाना, आईएसआई और सेना काबिज है उसे देखकर लगता है की वहां लोकतंत्र बस दिखावे की दुकान है अन्दर हिंसा, हत्या, आतंकवाद दानवता भरी पड़ी है| अब इन सब के बावजूद यदि भारत सरकार पाकिस्तान के साथ शांति के दरवाजे खोलना चाहती है तो उस मार्ग से श्वेत कबूतर की जगह आतंकवाद ही आएगा| क्योंकि उनके पास और कुछ है भी नहीं| अब इस अवस्था में यदि भारत फिर पाकिस्तान के साथ मेज पर बैठता है तो हम इसे कूटनीति की बजाय मुर्खता कह सकते है!! क्योंकि घाव भी हम ही खाये और वार्ता के लिए भी हम ही आगे बढ़ते है तो यह हमारा कमजोर होना दर्शाता है| हमें इजराइल से सीखना होगा कि यदि अपना धर्म, अपनी संस्कृति, अपनी अखंडता, प्रभुसत्ता बचाये रखनी है तो अपनी कमजोरी नहीं अपनी ताकत दिखानी होगी हमे सोचना होगा कि यह चुल्लू भर पानी क्यों बार-बार सागर को आँखे दिखा रहा| हमे अपनी आँखे लाल कर पाकिस्तान को समझाना होगा कि क्षमा गलती के लिए होती है, पाप के लिए नहीं| भारत सरकार को समझना होगा की आतंकवाद और पाकिस्तान एक इन्सान के दो नाम की तरह है| क्योंकि मस्जिद, मदरसों में पलने वाले अस्सी फीसदी मजहबी मानसिकता से ग्रस्त लोगों के बिना तो पाकिस्तान का वजूद नहीं और बिना पाकिस्तान उन लोगों का वजूद नहीं तो फिर मित्रता का औचित्य क्या है? भारत के विरोध और उससे मिलने वाले चंदे से चल रहा आतंकी कारोबार ही पाकिस्तान का असली वजूद है असली संस्कृति है, नफरत के आधार पर खड़ा हुआ देश हमे कभी प्रेम के पुष्प नहीं सोंप सकता| अब भारत सरकार को समूचे विश्व के सामने पाकिस्तान के रहनुमाओ से साफ-साफ पूछ लेना चाहिए कि पाकिस्तान में चल रहे आतंकी केम्पों को वो खुद खत्म करे या हमे करने दे हम ये मानवीय त्रासदी और नहीं सह सकते|
आज हमारे सात जवान शहीद हुए जिनकी शहादत पर देश गर्व कर रहा किन्तु हम दुखी है और नम आँखों से उन वीर जवानों के पार्थिव शरीर को नमन करते हुए कहते है लहु देकर तिरंगे की बुलंदी को सवाँरा है| फरिस्ते हो तुम वतन के तुम्हे सजदा हमारा है|| शत् शत् नमन

दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा 
rajeev choudhary  

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